Expectations n Grievances
Wednesday, April 14, 2010
ये मन के कुछ बोल, शब्दों में रख रहा हूँ...........
ओस की एक बूँद हूँ मैं,
रहता हूँ बिखरा सा,
हमेशा ही तेरे आस-पास,
ज़रा सी ठंड मिली जो कहीं,
बस वहीँ पिघल कर,
जीवन पाया मैंने,
दो पल में बिताकर जीवन सारा,
उड़ चला किसी और अपने की तलाश में....
Sunday, January 17, 2010
Abstract Ways To Life !!!
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